एक खत
एक खत लिखा है ,
अल्फाज नही
एहसासो का दरिया लिखा है ,
शब्द नही दिलो का संगम लिखा है ,
तेरे मेरे मिलन का वो पल लिखा है ,
हर गजल मे तेरे नाम का अक्षर लिखा है
बेशक इसमें जज्बातो को बेखूबी लिखा हैं!!
एक खत लिखा है ,
नग्म नही
गीतों का समन्दर लिखा है ,
बहते हुए आँसुओ का हर अश्र लिखा है,
प्यार का हर वो एहसास लिखा है,
बेशक इसमें जज्बातो को बेखूबी लिखा हैं!!
एक खत लिखा है
सुना नही
देखा भी है
आजकल बहुत अकेले से रहते हो
इसलिए मेने अपनेपन का एहसास लिखा है ,
तुम्हारे उदासी का हर चेहरा लिखा है
बेशक इसमें जज्बातो को बेखूबी लिखा हैं!!
एक खत लिखा है
मुस्कान नही
तुम्हारे हँसने का हर अंदाज लिखा है
दिल का हर अनमोल रिश्ता लिखा है
तुम्हारी सुन्दरता का हर रुप लिखा है,
बेशक इसमें जज्बातो को बेखूबी लिखा हैं!!
एक खत
तुझे दिल से लिखा है ,
पल भर के लिए ही पढना ,
अल्फाज नही, एहसासो का दरिया लिखा है........!!
Deepanshu Samdani
Poems Addicted
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