काश ये बचपन
हरदम
रहता
काश ये बचपन
हरदम
रहता
दुनिया का उस
पर
रंग
ना
चढ़ता
!
कोई अगर मुझसे
पूछे
तोह
मांग लू दिन
फिर
बचपन
वाला
!
यादो में हरदम
बसने
वाला
भूले से भी
ना
भूलने
वाला
हर क्षण मन
में
रहने
वाला
काश ये बचपन हरदम रहता !!
ना कोई चिंता
ना
कोई
फिक्र
मस्ती में बीते
हर पल ,
चेहरे पर शरारत
भरी
मुस्कान
देख कर हंस दे रोने वाला
सबके दिल को
प्यार
से
जितने
वाला
,
काश ये बचपन
हरदम
रहता
!!
वो बचपन के
दिन
कब
आये
कब
बित
गए,
वो साथी भी
सब
छूट
गए
,
हंसी ठहाके और
सारी
हुड़दंगे
सब
भूल
गये
!
काश एक पल
फिर
लोटा
दे
;
बचपन के दिन
वो
मस्त
मस्तियों
के
जब खुशियो को
हम पुकारते ,
आँसूओ को नकारते;
मस्त रहते अपनी
मस्ती
मे
,
झूमते रहते अपनी
धुन
में ;
काश ये बचपन
हरदम
रहता
!!
काश ये बचपन हरदम रहता !!Deepanshu Samdani
Poems Addicted
(deepanshusamdani.blogspot.com)
Very pure and heart touching words...
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