हर अंश में हूँ तुम्हारी
चरित्र हूँ मै तुम्हारी कहानी की,
नाटिका हूँ मै तुम्हारे रंगमंच की ,
प्रेमिका हूँ मैं तुम्हारे प्रेम की ,
महक हूँ मैं तुम्हारे आशियाने की
नींव हूँ मैं तुम्हारे नीकेतन की ,
परायी हूँ मैं अपने पिता की ,
दामिनी हूँ मैं तुम्हारे दामन की ,
रजा हूँ मैं तुम्हारे कण की,
गुंजन हूँ मैं तुम्हारे गीतों की ,
ताल हूँ मैं तुम्हारी धुन की,
रागिनी हूँ मैं तुम्हारे राग की ,
मीरा हूँ मैं तुम्हारे प्रेम की ,
लक्ष्मी हूँ तुम्हारे धन की ,
सरस्वती हूँ मैं तुम्हरी कलम की ,
शैली हूँ तुम्हारे शब्दो की ,
बोल हूँ मैं तुम्हारे वचन की ,
नीर हूँ मैं तुम्हारे घड़े की ,
बौछार हूँ मैं तुम्हारी बुंदो की ,
मोती हूँ मैं तुम्हारे आँसुओ की ,
हूँ वही प्रतिबिम्ब जो आधार के उर मैं ,
नील घन भी हूँ ,सुनहली दामिनी भी हूँ
बीन भी हूँ तुम्हारी रागिनी भी हूँ !!
भक्ति ,वैभव और प्रेम का यश हूँ ,तुम्हारी मोहब्बत का रस भी हूँ ,,
ज्योति हूँ तुम्हारे दीये की ,बाती हूँ तुम्हारे दीप की ,,
हिचकी हूँ तुम्हारे यादो की ,पंखुड़ी हूँ तुम्हारे गुलाब की ,,
हर अंश मैं तुम्हारी मोहब्बत ,
हर अंश मैं हूँ तुम्हारी .....!!
Deepanshu Samdani
Poems Addicted
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