हिन्द देश का सिपाही
मैं भारत माँ का बेटा हुँ , भारत की गाथा गाता हुँ !!
देशद्रोही के आशियाने को अस्त करने वाला ,
आतंकवाद से डट कर लड़ने वाला
भारत माँ की आन-बान-शान के लिए मर मिटने वाला छावनी का सिपाही हुँ ,,
भारत माँ का बेटा हुँ , भारत की गाथा गाता हुँ !!
अमर तिरंगे की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहता हुँ
देश की सुरक्षा के लिए प्राणों का बलिदान देने वाला हुँ ,
भारत माँ का बेटा हुँ , भारत की गाथा गाता हुँ !!
उम्मीदों की चिंगारी अब कामयाबी का शोला बनकर
एक चमकने सी लगी है !
अब आतंकवाद को मिटाने के नए -नए शिखर छुने हैं ,
साथ ही कर्तव्य निभाना है,
नफरतो के आशियानों में महोबत के दीप जलाने हैं ,
जंग के नजारे बिच ,प्रेम के शंख बजाने हैं !
क्षितिज आसमां के निचे अभिनव भारत का बिगुल बजाना हैं !!
मैं भारत माँ का बेटा हुँ , भारत की गाथा गाता हुँ !!
साथ ही ,
अगर तुम साथ दोगे तो वफा की लाज वफ़ा से निभायेंगे
चाहत के दीप आँखों से जलाएँगे ,
कभी जो गुजरना ही तुम्हे दुसरे रास्तो से,
हम फुल बन कर बिखर जायेंगे ;
तु कदम से कदम मिलाकर तो देख ,
मैं हिन्द देश का सिपाही हुँ ;
कभी हाथ से हाथ मिलाकर तो देख ,
भारत माँ का बेटा हुँ , कभी गले से गले लगाकर तो देख !!
आ अब साथ -साथ मिलकर संस्कृति को एकजुटता का प्रमाण देकर नए मुल्क का निर्माण करे !!
Deepanshu Samdani
Poems Addicted
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