आजादी
वो क्रांति की शुरुआत क्या रही होगी
झांसी की रानी जब घोड़े पर सवार हुई होगी
वो वतन की किमत क्या आंकि गई होगी
जो उन्होंने अपने खून से चुकाई होगी
अपने वतन को आजाद करने मे
न जाने कितनों ने फांसी खाई होगी
बनाने सोने कि चिडिय़ा अपनी मां को
कितनो ने रक्त कि धाराएँ बहाई होगी
लगाकर माटी वतन की अपने माथे पर
कितनो ने अपने सीने पर गोलियां खाई होगी
न जाने कितनो ने कुर्बानी दी होगी
तब जाकर ये आजादी हासिल हुई होगी
तिरंगा मेरा जहां मे सबसे ऊंचा
उसके कफन की किमत क्या होगी
रंग जिसका रूह पर चढ गया
उसके दामन कि महक क्या होगी
आज आजादी को बहत्तर हो गए
इससे बेहतर बात क्या होगी!!
झांसी की रानी जब घोड़े पर सवार हुई होगी
वो वतन की किमत क्या आंकि गई होगी
जो उन्होंने अपने खून से चुकाई होगी
अपने वतन को आजाद करने मे
न जाने कितनों ने फांसी खाई होगी
बनाने सोने कि चिडिय़ा अपनी मां को
कितनो ने रक्त कि धाराएँ बहाई होगी
लगाकर माटी वतन की अपने माथे पर
कितनो ने अपने सीने पर गोलियां खाई होगी
न जाने कितनो ने कुर्बानी दी होगी
तब जाकर ये आजादी हासिल हुई होगी
तिरंगा मेरा जहां मे सबसे ऊंचा
उसके कफन की किमत क्या होगी
रंग जिसका रूह पर चढ गया
उसके दामन कि महक क्या होगी
आज आजादी को बहत्तर हो गए
इससे बेहतर बात क्या होगी!!
Deepanshu Samdani
Poems Addicted
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