Wednesday, April 8, 2020

आवाज

आवाज

दिल में मेरे दस्तक सी दे जाती हैं
एक वो आवाज ही हैं जो मुझे भाती हैं !
अब ऐसा लगने लगा हैं कि,
उसे सुने एक अरसा सा बित गया हैं ,
जाने अब वो क्यों सुनाई नहीं देतीं हैं !!
गुमसुम सी, उदास सी रहती हैं वो आवाज
जाने कहाँ खोई-खोई सी रहतीं हैं वो आवाज !!
सुनकर जिस आवाज को दिन की शुरुआत होती हैं,
जाने कहाँ शाम बनकर ढल गई हैं वो आवाज !
लबों की मुस्कुराहट भी सुनाई देती हैं जिसकी,
लगता हैं अब बादल बनकर कहीं जम गई हैं वो आवाज !!
नाराजगी का भी पता चल सका और नफरत कर गई मुझसे,
रूस्वा हुई ये आवाज़ ही हैं जो मुझमें सफर करती हैं !!
खामोश सी हो गई हैं जिंदगी खामोशी पर उस आवाज़ कि,
मैं पयाम भी क्या भेजता जब से खो गई हैं आवाज !!
इंतजार भी बहुत किया कि फिर लौट आए वो आवाज
जाने क्यों रूठ़ कर चलीं गई हैं वो आवाज
आदत सी हो गई थी जिस आवाज़ कि
जाने कैसी आदत लगाकर चलीं गई हैं वो आवाज़
अजनबी बनकर आई थी वो आवाज़
फिर अजनबी बनकर चलीं गई वो आवाज
किससे पुछु, कैसे पुछु , कि कहाँ रहती हैं !
जाने आजकल किस पते पर खोई रहती हैं वो आवाज !!

                                                                                                        Deepanshu Samdani
                                                                                                                Poems Addicted
                                                                                     (deepanshusamdani.blogspot.com)

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