GST
जमाने को जमाने ने जमाने से बदला है,
GST का नया सत्र् लागु हुआ है
इसे नव वर्ष की तरह मनाया जाए
ये भ्रष्टाचार मिटाने का फिर नया दौर शुरु हुआ है ।।
पहले नोटबंदी अब अंक बंदी
ये आँकड़ो का नया खेल शुरू हुआ है ।।
सहज-सुगम निश्चित दरे लागु कर
फिर अच्छे दिनों का सिलसिला शुरू हुआ है ।
आयकर से बचने के लिए सदन का विरोध जता रहे हैं ।
नेता ही नेता आपस में असमर्थता जता रहे है ,
सक्षम होते हुए ,
असक्षमता का प्रमाण दे रहे है ।
एक-राष्ट्र , एक-कर का विरोध कर
एक राष्ट्र-परिवार की योजना भंग कर रहे है
रोजगार बढाने के लिए सरकार के विपक्ष धरने दे रहे है,
आयकर से बचने के लिए भारत बंद कर रहे है ,
राष्ट्र-धारा से जुडऩे के बजाए धारा अवरोधक हो रहे है ,
विकास की गति क्षीण कर
देश को विकसीत बनाने के गुणगान गा रहे है ।
रिटर्न नही भरकर अपनी आय छिपा रहे है
CA के हस्ताक्षर के लिए टेबल के नीचे से लेनदेन बना रहे हे
नेता आम जन को दिशा हीन कर रहे है
गरीबी हटाने की मांग कर रहे है।।
फिर सरकार से अच्छे दिनों की मांग कर रहे हैं ।।
GST का नया सत्र् लागु हुआ है
इसे नव वर्ष की तरह मनाया जाए
ये भ्रष्टाचार मिटाने का फिर नया दौर शुरु हुआ है ।।
पहले नोटबंदी अब अंक बंदी
ये आँकड़ो का नया खेल शुरू हुआ है ।।
सहज-सुगम निश्चित दरे लागु कर
फिर अच्छे दिनों का सिलसिला शुरू हुआ है ।
आयकर से बचने के लिए सदन का विरोध जता रहे हैं ।
नेता ही नेता आपस में असमर्थता जता रहे है ,
सक्षम होते हुए ,
असक्षमता का प्रमाण दे रहे है ।
एक-राष्ट्र , एक-कर का विरोध कर
एक राष्ट्र-परिवार की योजना भंग कर रहे है
रोजगार बढाने के लिए सरकार के विपक्ष धरने दे रहे है,
आयकर से बचने के लिए भारत बंद कर रहे है ,
राष्ट्र-धारा से जुडऩे के बजाए धारा अवरोधक हो रहे है ,
विकास की गति क्षीण कर
देश को विकसीत बनाने के गुणगान गा रहे है ।
रिटर्न नही भरकर अपनी आय छिपा रहे है
CA के हस्ताक्षर के लिए टेबल के नीचे से लेनदेन बना रहे हे
नेता आम जन को दिशा हीन कर रहे है
गरीबी हटाने की मांग कर रहे है।।
फिर सरकार से अच्छे दिनों की मांग कर रहे हैं ।।
Deepanshu Samdani
Poems Addicted
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