पंछि बनकर रहने दो
कैद मत करो
हम पंछियों को ,
नील गगन मे उडने दो
हम पंछि है ,
हमें पंछि बनकर रहने दो ।।
पर आसमां संग खुलने दो
एक लंबी उडान भरने दो ,
हम पंछि है ,
हमें पंछि बनकर रहने दो ।।
आश्रय मत दो टहनी पर
पर उनमुक्त गगन को चुमने दो
सुना है तुम मानव हो
हमें पंछि बनकर रहने दो ।।
गीत-गुंजन संग गाने दो
करलव शौर मचाने दो
क्षितिज आसमां मे उडने दो
हम पंछि है ,
हमें पंछि बनकर रहने दो ।।
बहता जल पीकर रहने वाले
दाना चुगकर जिने वाले
आजादी का अरमान लिए उडने दो
हम पंछि है ,
हमें पंछि बनकर रहने दो ।।
कैद मत करो
हम पंछियों को ,
नील गगन मे उडने दो
हम पंछि है ,
हमें पंछि बनकर रहने दो ।।
पर आसमां संग खुलने दो
एक लंबी उडान भरने दो ,
हम पंछि है ,
हमें पंछि बनकर रहने दो ।।
आश्रय मत दो टहनी पर
पर उनमुक्त गगन को चुमने दो
सुना है तुम मानव हो
हमें पंछि बनकर रहने दो ।।
गीत-गुंजन संग गाने दो
करलव शौर मचाने दो
क्षितिज आसमां मे उडने दो
हम पंछि है ,
हमें पंछि बनकर रहने दो ।।
बहता जल पीकर रहने वाले
दाना चुगकर जिने वाले
आजादी का अरमान लिए उडने दो
हम पंछि है ,
हमें पंछि बनकर रहने दो ।।
दीपांशु समदानी
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